
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की राजनीतिक, सामाजिक और सामरिक इच्छाशक्ति का प्रतीक है। यह टिप्पणी उन्होंने लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी (BrahMos Aerospace Integration and Testing Facility) के वर्चुअल उद्घाटन के दौरान की। उन्होंने इसे आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता और सैन्य क्षमता का प्रमाण बताया।
रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत जब भी आतंकवाद के विरुद्ध कार्रवाई करता है, तब सीमा पार की जमीन भी आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए सुरक्षित नहीं रहती। ऑपरेशन सिंदूर को इसी दृढ़ इच्छाशक्ति और क्षमता का उदाहरण बताते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाकर यह दिखा दिया कि भारत केवल आतंक के खिलाफ है, नागरिकों के खिलाफ नहीं।
ब्रह्मोस मिसाइल (brahmos missile) की ताकत पर बोलते हुए उन्होंने इसे भारत और रूस की संयुक्त रक्षा तकनीक का बेजोड़ उदाहरण बताया। उन्होंने कहा, जिस प्रकार उत्तर प्रदेश का प्रयागराज ‘संगम’ के लिए प्रसिद्ध है, उसी प्रकार लखनऊ भी आने वाले समय में इस तकनीकी संगम के लिए जाना जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस फैसिलिटी के शुरू होने से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और यह क्षेत्र रक्षा उत्पादन के केंद्र के रूप में उभरेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के वीर जवानों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल (brahmos missile) की शक्ति की झलक देखने को मिली और यह दिखाता है कि आतंकवाद का समाधान केवल पूरी तरह से उसका उन्मूलन है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत आज आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में अब तक करीब 180 एमओयू साइन हो चुके हैं, जिनमें 34,000 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है और अब तक 4,000 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है।
300 करोड़ रुपये की लागत से बनी ब्रह्मोस यूनिट(Brahmos Unit) का लक्ष्य हर साल 80 से 100 सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का निर्माण करना है। यह इकाई उत्तर प्रदेश के रक्षा क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
राजनाथ सिंह ने इस मौके पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का उल्लेख करते हुए 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षण को याद किया और कहा कि यह दिन भारत की वैज्ञानिक और रक्षा क्षमताओं की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस(Brahmos) सिर्फ एक मिसाइल नहीं, बल्कि यह दुश्मनों के लिए एक संदेश है – भारत की शक्ति, प्रतिबद्धता और आत्मनिर्भरता का।
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