राष्ट्रीय जल जीव घोषित गांगेय डॉल्फिन को संरक्षित करने की कवायद तेज हो गई है। इसको लेकर पटना साइंस कॉलेज में देश के पहले डॉल्फिन रिसर्च सेंटर (dolphin research center) का उद्घाटन हुआ। उद्घाटन राज्य के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि रिसर्च के लिए गंगा या कोसी नदी के पास दो-तीन किलोमीटर का कैनाल बनाया जाएगा। इसमें 10-15 डाल्फिन को रखकर उसकी हर गतिविधि पर रिसर्च किया जाएगा। साथ ही समुद्री डॉल्फिन शो की तरह गांगेय डॉल्फिन का शो आयोजित होगा।
डॉल्फिन रिसर्च सेंटर के अंतरिम निदेशक व जुलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिक गोपाल शर्मा ने बताया कि देशभर में सबसे अधिक गांगेय डॉल्फिन बिहार में हैं। 2018 में हुए सर्वेक्षण में 1465 डॉल्फिन की गिनती की गई थी।
कहाँ कितने डाल्फिन है :
- बक्सर से मोकामा तक गंगा में – 333
- मोकामा से मनिहारी घाट तक गंगा में – 750
- त्रिवेणी बराज से पटना तक गंडक नदी में – 125
- घाघरा नदी के बिहार एरिया में – 55
- उत्तर प्रदेश में नदियों में – 1245
- असम की नदियों में 960
- हुगली नदी में 266
डॉल्फिन रिसर्च सेंटर फिलहाल पटना साइंस कॉलेज स्थित पद्मश्री प्रो। आरके सिन्हा के लैब में चलेगा। इसमें काफी उपकरण हैं। सेंटर में कई अन्य वन्य जीवों का संरक्षण होगा। इसमें डॉल्फिन, घडि़याल, कछुआ, छल्ला, मंगोलिया, पेंटेड स्टोर्क, बड़ा एवं छोटा गरुड़, मगरमच्छ आदि वन्य जीवों का संरक्षण किया जाएगा।