भारत-चिली ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) के लिए संदर्भ शर्तों पर हस्ताक्षर किए

CEPA

भारत और चिली ने व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (Comprehensive Economic Partnership Agreement – CEPA) के लिए संदर्भ की शर्तों (Terms of Reference – ToR) पर हाल ही में हस्ताक्षर किए, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को नई दिशा देने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है। इस समझौते से दोनों देशों के बीच मौजूदा अधिमान्य व्यापार समझौते (Preferential Trade Agreement – PTA) को और व्यापक एवं समावेशी बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा।

CEPA के मुख्य बिंदु:

  • समझौते पर हस्ताक्षर: भारत सरकार के वाणिज्य विभाग के संयुक्त सचिव विमल आनंद और भारत में चिली के राजदूत जुआन अंगुलो ने संदर्भ की शर्तों (ToR) पर हस्ताक्षर किए।

  • उद्देश्य: CEPA का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ाना, डिजिटल सेवाओं, MSMEs, महत्वपूर्ण खनिजों तथा अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग को गहराना है।

  • पहली बैठक: इस समझौते पर 26 से 30 मई, 2025 के बीच नई दिल्ली में पहली औपचारिक वार्ता होने की उम्मीद है।

  • पृष्ठभूमि:

    • जनवरी 2005: भारत-चिली ने आर्थिक सहयोग के लिए रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए।

    • मार्च 2006: अधिमान्य व्यापार समझौता (PTA) पर हस्ताक्षर हुए।

  • रणनीतिक साझेदारी: भारत और चिली लंबे समय से रणनीतिक साझेदार और विश्वसनीय सहयोगी रहे हैं। उच्चस्तरीय राजनीतिक यात्राओं के चलते द्विपक्षीय संबंध लगातार मजबूत हुए हैं।

 

CEPA का  महत्व:

यह CEPA भारत के ‘लैटिन अमेरिका’ नीति के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण पहल है, जो न केवल व्यापार को बढ़ावा देगा, बल्कि भू-रणनीतिक स्तर पर भी भारत की उपस्थिति को मजबूत करेगा। यह समझौता भारत को लैटिन अमेरिकी बाजार में अपनी पकड़ बढ़ाने में मदद करेगा, विशेष रूप से महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों तक पहुंच को आसान बनाएगा।

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