केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारत के पहले 3nm chip design केंद्रों का उद्घाटन किया

3nm chip design

भारत ने सेमीकंडक्टर तकनीक के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने नोएडा और बेंगलुरु में रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की दो नई अत्याधुनिक डिजाइन सुविधाओं का उद्घाटन किया। ये सुविधाएं भारत की तकनीकी क्षमताओं को वैश्विक मंच पर एक नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं, विशेषकर इसलिए क्योंकि यह देश का पहला डिजाइन केंद्र है जो 3 नैनोमीटर चिप डिजाइन (3nm chip design) पर कार्य कर रहा है।

 

3nm chip design Technology 

अपने संबोधन में मंत्री ने कहा, “3nm पर डिजाइनिंग वास्तव में अगली पीढ़ी है।” भारत पहले ही 7nm और 5nm डिज़ाइन में प्रवेश कर चुका है, लेकिन अब 3nm पर काम शुरू होना यह दर्शाता है कि भारत सेमीकंडक्टर इनोवेशन की अग्रणी वैश्विक लीग में शामिल हो चुका है।

 

समग्र सेमीकंडक्टर रणनीति और वैश्विक विश्वास

श्री वैष्णव ने भारत की समग्र सेमीकंडक्टर रणनीति की भी जानकारी दी, जो केवल डिज़ाइन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें निर्माण, ATMP (असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग), उपकरण, रसायन और गैस जैसी आपूर्ति श्रृंखलाओं को भी शामिल किया गया है।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि दावोस जैसे वैश्विक मंचों पर भारत के प्रति बढ़ते विश्वास के चलते एप्लाइड मैटेरियल्स और लैम रिसर्च जैसी वैश्विक कंपनियां भारत में बड़े निवेश कर रही हैं।

 

India’s Semiconductor Ecosystem 

उत्तर प्रदेश में यह प्रमुख डिज़ाइन सेंटर, देश भर में फैली प्रतिभा का उपयोग करते हुए एक अखिल भारतीय इकोसिस्टम की नींव रखता है। सरकार सक्रिय रूप से सेमीकंडक्टर डिज़ाइन केंद्रों की स्थापना को प्रोत्साहित कर रही है, जिससे एक मज़बूत, स्वदेशी तकनीकी आधार तैयार हो सके।

 

सेमीकंडक्टर शिक्षा और कौशल विकास पर जोर

इंजीनियरिंग छात्रों के लिए नई सेमीकंडक्टर लर्निंग किट लॉन्च कर मंत्री ने शिक्षा और उद्योग के बीच पुल बनाने की दिशा में एक बड़ी घोषणा की। पहले से ही भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत 270 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों को उन्नत EDA सॉफ्टवेयर टूल दिए जा चुके हैं। अब उन्हें ये हार्डवेयर लर्निंग किट भी उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे छात्र इंडस्ट्री-रेडी इंजीनियर बन सकें।

 

रेनेसास की प्रतिबद्धता और भारत-जापान सहयोग

रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स के सीईओ श्री हिदेतोशी शिबाता ने भारत को अपनी कंपनी का रणनीतिक आधारशिला बताया और कहा कि भारत में एंड-टू-एंड सेमीकंडक्टर क्षमताओं को विस्तारित किया जा रहा है। उन्होंने भारत सरकार की C2S (चिप्स टू स्टार्टअप) और DLI (डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव) योजनाओं का ज़िक्र करते हुए 250+ शैक्षणिक संस्थानों और कई स्टार्टअप्स के साथ सक्रिय सहयोग की जानकारी दी।

 

आत्मनिर्भर भारत में सेमीकंडक्टर की भूमिका

मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी दूरदृष्टि और आत्मनिर्भर भारत के विजन के तहत सेमीकंडक्टर उद्योग को रणनीतिक प्राथमिकता मिली है। उन्होंने कहा कि सिर्फ तीन वर्षों में भारत का सेमीकंडक्टर सेक्टर नवजात अवस्था से उभरते वैश्विक केंद्र में तब्दील हो चुका है और अब दीर्घकालिक, सतत विकास के लिए तैयार है।

जैसे-जैसे स्मार्टफोन, लैपटॉप, सर्वर, मेडिकल और डिफेंस उपकरण, ऑटोमोबाइल्स आदि क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की मांग बढ़ रही है, भारत का सेमीकंडक्टर उद्योग समय की मांग बन गया है। आज का यह कदम भारत को टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर और वैश्विक नेता बनने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगा।

भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के जेवर में एक नई सेमीकंडक्टर निर्माण इकाई स्थापित करने की मंजूरी दे दी है। यह परियोजना भारत के सेमीकंडक्टर मिशन के अंतर्गत एचसीएल और फॉक्सकॉन के संयुक्त उद्यम के सहयोग से क्रियान्वित की जाएगी।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज नई दिल्ली में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि यह अत्याधुनिक संयंत्र प्रति माह 20,000 वेफर्स के उत्पादन के लिए डिज़ाइन किया गया है, और इसकी डिज़ाइन आउटपुट क्षमता 36 मिलियन यूनिट प्रति माह होगी। उन्होंने बताया कि यह इकाई कुल 3,700 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करेगी और इससे उत्तर प्रदेश में तकनीकी विकास एवं रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।

मंत्री ने यह भी बताया कि पांच सेमीकंडक्टर इकाइयां पहले से ही देश में निर्माण के उन्नत चरणों में हैं और यह छठी इकाई भारत को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर उद्योग में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।

उन्होंने यह भी बताया कि 270 शैक्षणिक संस्थान और 70 स्टार्टअप पहले से ही विश्व स्तरीय डिज़ाइन तकनीकों पर काम कर रहे हैं, जहाँ छात्र और नवाचारकर्ता नई तकनीकों और उत्पादों के विकास में जुटे हुए हैं।

एक अन्य सवाल के जवाब में, श्री वैष्णव ने “ऑपरेशन सिंदूर” को भारत की वैश्विक पहचान, सशस्त्र बलों की शक्ति और निर्णायक नेतृत्व का प्रतीक बताया।

इस महत्वपूर्ण निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जेवर में सेमीकंडक्टर इकाई की स्थापना का निर्णय देश में विकास और नवाचार को नई गति देगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए यह भी कहा कि इससे युवाओं के लिए अपार अवसर सृजित होंगे और भारत की सेमीकंडक्टर क्षेत्र में प्रगति निरंतर जारी रहेगी।

 

यह पहल भारत को वैश्विक तकनीकी मानचित्र पर एक मज़बूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक और सशक्त और दूरदर्शी कदम है।

OUR APP  DOWNLOAD NOW

One thought on “केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारत के पहले 3nm chip design केंद्रों का उद्घाटन किया”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *